Which City Truly Leads in CBSE Schools? Delhi vs Uttar Pradesh — The Data Explained
भारत में CBSE बोर्ड स्कूलों की चर्चा होते ही एक सवाल अक्सर सामने आता है—आख़िर किस जगह पर सबसे ज़्यादा CBSE स्कूल हैं? जवाब उतना सीधा नहीं है जितना लगता है, क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आँकड़ों को कैसे देखा जाए। कई लोग राज्य स्तर पर उत्तर प्रदेश का नाम लेते हैं, जबकि कुछ दिल्ली को सबसे आगे बताते हैं। दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही सही हैं—बस राज्य और शहर के आंकड़ों के बीच का अंतर समझना ज़रूरी है।
राज्य स्तर पर उत्तर प्रदेश सबसे आगे
उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक CBSE-मान्यता प्राप्त स्कूलों वाला राज्य है। इसका कारण है राज्य का बड़ा भूगोल, विशाल जनसंख्या, और सैकड़ों ज़िले व कस्बे। यहाँ CBSE स्कूल शहरी, कस्बाई और ग्रामीण—तीनों क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जिससे यह राज्य स्तर पर CBSE स्कूलों की सबसे बड़ी संख्या का प्रतिनिधित्व करता है।
शहर स्तर पर तस्वीर बदल जाती है — दिल्ली नंबर 1
लेकिन जैसे ही ध्यान राज्यों से हटाकर शहरों पर केंद्रित किया जाता है, दिल्ली स्पष्ट रूप से सबसे आगे निकल आती है। कोई भी भारतीय शहर अपने सीमाक्षेत्र में दिल्ली जितने CBSE-मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या नहीं रखता। यह अंतर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संख्या के फैलाव के बजाय एक ही शहर में मौजूद स्कूलों की सघनता को दर्शाता है।
दिल्ली क्यों आगे है? प्रमुख कारण:
सरकारी CBSE स्कूलों का बड़ा नेटवर्क
देश के अधिकांश राज्यों में सरकारी स्कूल राज्य बोर्ड का पाठ्यक्रम अपनाते हैं, लेकिन दिल्ली में बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय और केंद्र सरकार के अधीन चलने वाले संस्थान CBSE से जुड़े हैं।
निरंतर प्रवासी आबादी
दिल्ली पूरे देश से आने वाले परिवारों का केंद्र है—केंद्र सरकार कर्मचारी, रक्षा कर्मी और निजी क्षेत्र के पेशेवर यहाँ बड़ी संख्या में रहते हैं। बार-बार स्थानांतरण और एक समान पाठ्यक्रम की सुविधा के चलते CBSE स्कूलों की मांग लगातार बनी रहती है।
राष्ट्रीय राजधानी का लाभ
दिल्ली में अनेक राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थान, प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े केंद्र, और शिक्षा से संबंधित संगठन मौजूद हैं। JEE और NEET जैसे उच्चस्तरीय परीक्षाओं के अनुरूप CBSE पाठ्यक्रम होने के कारण यहाँ CBSE स्कूलों ने तेज़ी से विस्तार किया है।
अन्य बड़े शहरों की तुलना
बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, और पुणे जैसे महानगरों में भी काफी संख्या में CBSE स्कूल हैं, लेकिन वहाँ शिक्षा प्रणाली CBSE, ICSE और राज्य बोर्ड—तीनों के बीच बंटी हुई है। इसके विपरीत, दिल्ली का शहरी शिक्षा ढांचा मुख्य रूप से CBSE पर आधारित है।
दिल्ली-NCR एक विशाल CBSE क्लस्टर
यदि दिल्ली के साथ NCR क्षेत्र के शहर—नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद—को जोड़ा जाए, तो यह देश का सबसे बड़ा CBSE स्कूल क्लस्टर बनता है। फिर भी, अकेले शहर के तौर पर देखें तो दिल्ली सबसे आगे है।
स्कूलों की विविधता और उत्कृष्टता
दिल्ली में सरकारी से लेकर प्रीमियम निजी स्कूलों तक, CBSE शिक्षा हर आर्थिक स्तर पर उपलब्ध है। यहाँ के कई स्कूल बोर्ड परीक्षा, ओलंपियाड और राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करते रहे हैं।
निष्कर्ष
सरल भाषा में कहें तो—
- राज्य स्तर पर उत्तर प्रदेश सबसे आगे है।
- शहर स्तर पर दिल्ली शीर्ष पर है।
ये दोनों तथ्य एक-दूसरे के विपरीत नहीं हैं, बल्कि शिक्षा आंकड़ों को समझने के दो अलग नजरिए हैं। छात्रों, अभिभावकों और पाठकों के लिए यह अंतर जानना जरूरी है, जिससे भ्रम दूर रहे।
अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। समय के साथ CBSE मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या में बदलाव संभव है।
