Home Remedy Before Bed That Could Ease Stubborn Cough and Chest Congestion
घरेलू नुस्खे लंबे समय से आम स्वास्थ्य समस्याओं, खासकर खांसी और गले की तकलीफ को दूर करने में अहम भूमिका निभाते आए हैं। हाल के दिनों में एक पारंपरिक घरेलू उपाय सोशल मीडिया पर चर्चा में है, जिसे रात को सोने से पहले लेने पर कफ कम होने और जिद्दी खांसी से राहत मिलने का दावा किया जा रहा है। यह उपाय रसोई में आसानी से मिलने वाली चीज़ों से तैयार किया जाता है और माना जाता है कि यह रात भर धीरे-धीरे असर दिखाता है।
खांसी क्यों होती है?
खांसी शरीर की एक प्राकृतिक सुरक्षा प्रक्रिया है। यह गले और श्वसन मार्ग से बलगम, धूल और हानिकारक कीटाणुओं को बाहर निकालने में मदद करती है। कभी-कभार खांसी होना सामान्य है, लेकिन जब यह बार-बार होने लगे, नींद में बाधा डाले या सीने में भारीपन महसूस हो, तो समस्या बढ़ जाती है। ऐसे समय में गले को आराम देना और कफ को ढीला करना जरूरी हो जाता है।
रात में लेने वाला यह घरेलू उपाय
इस घरेलू नुस्खे में शहद, देसी घी, एक चुटकी हींग और थोड़ी-सी हल्दी मिलाई जाती है। इस मिश्रण को हल्का गर्म कर सोने से पहले सेवन किया जाता है। इसे लेने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए, ताकि सामग्री गले पर अच्छी तरह असर कर सके।
इस उपाय को अपनाने वालों का कहना है कि अगली सुबह गला ज्यादा साफ महसूस होता है, बलगम आसानी से निकल जाता है और खांसी में काफी कमी आती है।
गले के लिए कैसे फायदेमंद हैं ये सामग्री?
शहद में मौजूद प्राकृतिक एंजाइम और सूजन कम करने वाले तत्व गले की जलन को शांत करते हैं और जमे हुए कफ को ढीला करने में मदद करते हैं।
घी गले के अंदर एक चिकनी परत बनाता है, जिससे सूखापन, खराश और जलन कम होती है।
हल्दी अपने जीवाणुरोधी और सूजनरोधी गुणों के लिए जानी जाती है, जो हल्के संक्रमण से लड़ने में सहायक हो सकती है।
हींग श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है और पारंपरिक रूप से जकड़न व सीने की परेशानी कम करने के लिए उपयोग की जाती है।
इन सभी तत्वों का संयोजन गले को शांत करने और रात के समय खांसी कम करने में सहायक माना जाता है।
इस्तेमाल के बाद लोगों का अनुभव
कई लोगों का कहना है कि रात में इस मिश्रण का सिर्फ एक चम्मच लेने से नींद के दौरान आराम मिलता है। सुबह उठने पर कफ आसानी से निकल जाता है, सांस लेना हल्का महसूस होता है और गले की जलन कम हो जाती है। माना जाता है कि यह मिश्रण गले पर एक प्राकृतिक परत बनाता है, जिससे लगातार खांसी पर नियंत्रण मिलता है।
पारंपरिक अनुभव और आधुनिक राय
शहद का उपयोग पीढ़ियों से खांसी और गले की जलन के घरेलू इलाज के रूप में किया जाता रहा है। क्लीवलैंड क्लिनिक जैसे चिकित्सा स्रोतों ने भी माना है कि कई मामलों में शहद ओवर-द-काउंटर कफ सिरप जितना असरदार हो सकता है। जब इसे हल्दी और घी जैसे पारंपरिक तत्वों के साथ लिया जाता है, तो इसका असर और भी बेहतर महसूस हो सकता है।
जरूरी सावधानियां
हालांकि यह उपाय आमतौर पर वयस्कों के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद कभी नहीं देना चाहिए। यदि खांसी दो हफ्तों से ज्यादा समय तक बनी रहे या सांस लेने में दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
शहद प्राकृतिक शर्करा है, इसलिए मधुमेह के मरीजों या ब्लड शुगर नियंत्रित रखने वालों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
शहद खरीदते समय लेबल जरूर जांचें, क्योंकि बाजार में मिलने वाले कई उत्पाद अत्यधिक प्रोसेस्ड होते हैं या उनमें अन्य मीठे पदार्थ मिलाए जाते हैं, जिससे इसके प्राकृतिक फायदे कम हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर:
इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है और इसे चिकित्सकीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए। यहां बताया गया घरेलू उपाय पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित है और सभी के लिए उपयुक्त हो, यह जरूरी नहीं। किसी भी नए उपचार को अपनाने से पहले, विशेषकर यदि आपको कोई पुरानी बीमारी है, दवाइयां ले रहे हैं या लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
