9 Oldest Hill Stations in India That Still Captivate Tourists
भारत अपनी खूबसूरत हिल स्टेशनों के लिए दुनिया में मशहूर है। इनमें से कई हिल स्टेशन ब्रिटिश शासन के दौरान विकसित किए गए थे। ये स्थल न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं, बल्कि औपनिवेशिक वास्तुकला, हरियाली और शहरों की हलचल से दूर शांति का अनुभव भी कराते हैं। उत्तर की बर्फीली चोटियों से लेकर दक्षिण की कोहरे से ढकी पहाड़ियों तक, ये ऐतिहासिक हिल स्टेशन आज भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
आइए जानते हैं भारत के नौ सबसे पुराने हिल स्टेशनों के बारे में, जो आज भी अपनी पुरानी मोहकता बनाए हुए हैं:
1. शिमला, हिमाचल प्रदेश

“क्वीन ऑफ हिल्स” के नाम से प्रसिद्ध शिमला कभी ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। यहाँ के वाइसरॉयल लॉज और क्राइस्ट चर्च जैसी औपनिवेशिक इमारतें बेहद आकर्षक हैं। मॉल रोड पर चलते हुए कैफे और दुकानों का आनंद लिया जा सकता है। कालका-शिमला टॉय ट्रेन, जो यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है, आपको प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक अनुभव का मिश्रण प्रदान करती है।
2. दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल

पूर्व भारत का “क्वीन ऑफ द हिल्स” कहा जाने वाला दार्जिलिंग अपने चाय बागानों और दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटिशों ने 1881 में इस रेलवे का निर्माण किया था, जो अब यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यहाँ से कंचनजंगा का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। दार्जिलिंग की औपनिवेशिक बंगले, मठ और जीवंत स्थानीय बाजार इसे विशेष बनाते हैं।
3. ऊटी, तमिलनाडु

उधगमंडलम के नाम से भी जाना जाने वाला ऊटी 19वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश अधिकारियों के लिए ग्रीष्मकालीन स्थल के रूप में विकसित हुआ। यह अपनी बोटैनिकल गार्डन, शांत झीलों और निलगिरी माउंटेन रेलवे के लिए मशहूर है। ऊटी की ठंडी जलवायु और औपनिवेशिक वास्तुकला पर्यटकों को एक समय यात्रा का अनुभव कराती है।
4. मसूरी, उत्तराखंड

लगभग 6,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित मसूरी 1820 के दशक में ब्रिटिश अधिकारियों की पसंदीदा ग्रीष्मकालीन जगह बन गई थी। कैमेल्स बैक रोड, औपनिवेशिक बंगले और क्राइस्ट चर्च इसे “क्वीन ऑफ द हिल्स” बनाते हैं। मसूरी के दर्शनीय स्थल जैसे गन हिल आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
5. नैनीताल, उत्तराखंड

1841 में एक ब्रिटिश शुगर व्यापारी द्वारा खोजा गया नैनीताल नैनी झील के चारों ओर बसा है। यह शहर कभी ब्रिटिश अधिकारियों के ग्रीष्मकालीन स्थल के रूप में प्रसिद्ध था और अब परिवारों और पर्यटकों का प्रिय स्थल बन गया है। नैनी झील में नौकायन, नैना देवी मंदिर और मॉल रोड पर टहलना यहाँ का मुख्य आकर्षण हैं।
6. कोडाइकनाल, तमिलनाडु

“प्रिंसेस ऑफ हिल्स” के नाम से प्रसिद्ध कोडाइकनाल अपनी स्टार-शेप्ड झील, हरियाली और ठंडी जलवायु के लिए जाना जाता है। ब्रिटिशों ने इसे 19वीं सदी में गर्मियों के मौसम से बचने के लिए विकसित किया था। यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं ब्रायंट पार्क, कोकर वॉक और पिलर रॉक्स।
7. माथेरान, महाराष्ट्र

माथेरान एक वाहन-रहित हिल स्टेशन है, जो इसे शांति और प्रदूषण-मुक्त वातावरण देता है। लाल मिट्टी के रास्ते, औपनिवेशिक बंगले और दर्शनीय स्थल जैसे पैनोरमा पॉइंट और लुईसा पॉइंट यहाँ की खूबसूरती बढ़ाते हैं।
8. महाबलेश्वर, महाराष्ट्र

ब्रिटिशों द्वारा ग्रीष्मकालीन स्थल के रूप में विकसित महाबलेश्वर वेन्ना लेक, स्ट्रॉबेरी फार्म्स और आर्थर सीट जैसे दर्शनीय स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। ठंडी जलवायु और खूबसूरत परिदृश्य इसे परिवारों और हनीमून जोड़ों के लिए पसंदीदा बनाते हैं।
9. शिलांग, मेघालय

“ईस्ट का स्कॉटलैंड” कहा जाने वाला शिलांग अपनी पहाड़ियों, पाइन के जंगलों और झरनों के लिए जाना जाता है। ब्रिटिश प्रभाव यहाँ की वास्तुकला, चौड़ी सड़कें और शैक्षणिक संस्थानों में दिखाई देता है। शिलांग का जीवंत संगीत और सांस्कृतिक माहौल इसे युवाओं और संगीत प्रेमियों के लिए आकर्षक बनाता है।
ये हिल स्टेशन केवल पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि भारत के औपनिवेशिक अतीत और प्राकृतिक सुंदरता का जीवंत प्रमाण हैं। चाहे नैनी झील में नाव की सवारी हो, ऊटी में ट्रेकिंग या माथेरान के शांत दृश्य, हर हिल स्टेशन पर्यटकों को एक अद्भुत और शांत अनुभव देता है।
