RBI Declares SBI, HDFC and ICICI as India’s Safest Banks
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर पुष्टि की है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), एचडीएफसी बैंक और आईसीICI बैंक देश के सबसे सुरक्षित बैंक हैं। इन तीनों बैंकों को डोमेस्टिक सिस्टमically इम्पॉर्टेंट बैंक्स (D-SIBs) की श्रेणी में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि ये बैंक भारत की वित्तीय स्थिरता के लिए इतने महत्वपूर्ण हैं कि न तो सरकार और न ही RBI इन्हें डूबने की स्थिति में पहुंचने देगी।
RBI ने वर्ष 2014 में D-SIB फ्रेमवर्क की शुरुआत की थी। इसके तहत SBI को 2015 में, ICICI बैंक को 2016 में और HDFC बैंक को 2017 में इस सूची में शामिल किया गया। तब से ये बैंक देश की अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं, क्योंकि इनमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पूरे बैंकिंग सिस्टम को प्रभावित कर सकती है।
D-SIB नियमों के अनुसार, इन बैंकों को अतिरिक्त कॉमन इक्विटी Tier-1 (CET1) पूंजी बनाए रखनी होगी, ताकि वे किसी भी गंभीर वित्तीय संकट से निपट सकें। यह अतिरिक्त मूलधन बैंक के आकार और उसकी प्रणालीगत महत्ता पर निर्भर करता है। यह नियम 1 अप्रैल 2027 से लागू होगा। ताज़ा वर्गीकरण के अनुसार:
- SBI: बकेट 4 – 0.80% अतिरिक्त CET1
- HDFC बैंक: बकेट 2 – 0.40% अतिरिक्त CET1
- ICICI बैंक: बकेट 1 – 0.20% अतिरिक्त CET1
यह अतिरिक्त पूंजी एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है, जिससे संकट के समय भी बैंक स्थिर रह सकें। बैंक जितना बड़ा होगा, अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता उतनी ही अधिक होगी, क्योंकि उसके अस्थिर होने का असर पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
ग्राहकों के लिए इसका स्पष्ट संकेत यह है कि ये तीनों बैंक भारत के सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित बैंक माने जाते हैं। इनका विशाल आकार, सख्त नियामकीय निगरानी और मजबूत पूंजी संरचना इन्हें वित्तीय झटकों से उबरने में अधिक सक्षम बनाती है। किसी भी चरम स्थिति में RBI और सरकार हस्तक्षेप कर इन बैंकों को सुरक्षित रखेगी।
इन कदमों से लाखों ग्राहकों का भरोसा मजबूत होता है और यह स्पष्ट होता है कि SBI, HDFC और ICICI बैंक भारत की बैंकिंग व्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं।
