November 17, 2025
Is Jalebi Really Indian? Discover Its Sweet Journey from West Asia to India

Is Jalebi Really Indian? Discover Its Sweet Journey from West Asia to India

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इतिहास बताता है कैसे वेस्ट एशिया से भारत आई यह चाशनी में डूबी मिठाई

एक धुंधभरी, हाड़ कंपाने वाली ठंडी सुबह। ऊनी कपड़ों में खुद को पूरी तरह लपेटकर, पास की हलवाई की दुकान तक की धीमी चाल। लंबी कतार में खड़े रहना। और अंततः, गर्मागर्म रबड़ी के साथ परोसी गई एक कटोरी जलेबी मिलती है।

आपके दांत उस कुरकुरी, चाशनी में डूबी गहरी तली हुई मिठास में डूब जाते हैं। आत्मा तक राहत की एक लंबी साँस लेती है।

जलेबी हम सभी की पसंद है।

चाहे वो साधारण पूड़ी-सब्जी के नाश्ते के साथ खाई जाए, शाम की चाय और समोसे के साथ, या अकेले में — दूध में डुबोकर, दही के साथ मिलाकर — जलेबी गर्म हो या ठंडी, ताज़ा हो या एक दिन पुरानी, हर रूप में मन को भाती है।

त्योहार हो, शादी-ब्याह हो या सुबह की कचोरी-जलेबी… भारत में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे जलेबी पसंद न हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ‘भारतीय’ मिठाई असल में भारत की नहीं है?

इतिहासकारों और प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, जलेबी की उत्पत्ति वेस्ट एशिया (पश्चिम एशिया) में हुई थी। इसका मूल नाम ‘ज़लाबिया’ या ‘ज़ोलबिया’ था, जिसका जिक्र सबसे पहले 10वीं शताब्दी की अरबी किताब किताब अल-तबीख़ में मिलता है। इसके बाद 13वीं शताब्दी की फारसी कुकबुक में भी इसका उल्लेख हुआ।

भारत में जलेबी कैसे आई?

ऐसा माना जाता है कि फारसी और तुर्क व्यापारी इस मिठाई को भारत लाए, और समय के साथ यह यहां की शाही रसोई और आम जनजीवन का हिस्सा बन गई। 15वीं शताब्दी में जैन ग्रंथ प्रियंकरणपकथा में भी इसका वर्णन मिलता है। 16वीं शताब्दी के संस्कृत ग्रंथों में जलेबी बनाने की विधि आज की विधि से मिलती-जुलती है।

जलेबी में भारतीय स्वाद का तड़का

मूल ज़लाबिया जहां खमीरयुक्त (fermented) आटे से बनाई जाती थी और उसमें गुलाबजल और शहद का इस्तेमाल होता था, वहीं भारतीय जलेबी मैदे या बेसन के घोल से बनाई जाती है और इसे चीनी की चाशनी में डुबोया जाता है। भारतीय जलेबी कुरकुरी होती है, जबकि मूल अरबी ज़लाबिया नर्म और गुलाब के फूल जैसी दिखती है।

कई नाम, एक मिठास

आज भारत और पड़ोसी देशों में जलेबी को कई नामों से जाना जाता है:

  • जिलापी – बंगाल और बांग्लादेश में
  • जेरी – नेपाल में
  • इमरती / जांघरी – दक्षिण भारत में
  • मावा जलेबी – मध्य प्रदेश में
  • ज़लाबिया / ज़लेबिया – वेस्ट एशिया और उत्तरी अफ्रीका में

संक्षेप में कहें तो, जलेबी भले ही विदेशी हो, लेकिन इसकी भारतीय यात्रा ने इसे पूरी तरह से देसी बना दिया है। आज यह हर गली, हर त्योहार, और हर दिल का हिस्सा है।

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