December 29, 2025
Gig Workers Nationwide Strike on December 31 Could Disrupt Services of Zomato, Swiggy, Zepto, Blinkit, Amazon, and Flipkart

Gig Workers Nationwide Strike on December 31 Could Disrupt Services of Zomato, Swiggy, Zepto, Blinkit, Amazon, and Flipkart

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भारत की ऐप-आधारित डिलीवरी प्रणाली, जो तेज़ और त्वरित सेवाओं पर आधारित है, 31 दिसंबर को एक बड़े परीक्षण का सामना करने वाली है। देशभर के गिग और डिलीवरी वर्कर्स इस दिन ऑल-इंडिया हड़ताल करने की तैयारी कर रहे हैं। खाद्य डिलीवरी, क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे Zomato, Swiggy, Zepto, Blinkit, Amazon, Flipkart और अन्य डिजिटल एग्रीगेटर्स से जुड़े वर्कर्स का कहना है कि यह प्रदर्शन उनके जीविकोपार्जन को प्रभावित करने वाली गहरी समस्याओं को उजागर करने के लिए है।

जैसे-जैसे उपभोक्ता भोजन, किराना और रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए इन ऐप्स पर निर्भर हो रहे हैं, वर्कर्स का कहना है कि गिग वर्क की वास्तविकताएं कठिन, असुरक्षित और अनिश्चित हो गई हैं। वे कहते हैं कि हड़ताल ग्राहकों के खिलाफ नहीं है, बल्कि ऐसे सिस्टम के खिलाफ है जो वर्कर्स की भलाई की बजाय गति और विकास को प्राथमिकता देता है।

हड़ताल के पीछे कारण

डिलीवरी पार्टनर्स का कहना है कि उनकी आय असंगत हो गई है, जबकि प्लेटफॉर्म अधिक डिलीवरी टार्गेट और लंबे कामकाजी घंटे बढ़ा रहे हैं। ईंधन की बढ़ती कीमतें, ट्रैफिक जोखिम और बार-बार बदलती इंसेंटिव स्ट्रक्चर ने स्थिर आय कमाना मुश्किल कर दिया है।

वर्कर्स की एक केंद्रीय मांग है अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी मॉडल जैसे “10-मिनट डिलीवरी” वादों को तुरंत रद्द किया जाए। उनका कहना है कि ये मॉडल राइडर्स पर अत्यधिक दबाव डालते हैं, उन्हें जल्दी करने के लिए मजबूर करते हैं और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ाते हैं। इसके अलावा, वे स्पष्ट और पारदर्शी वेतन संरचना की भी मांग कर रहे हैं जिसमें बेस पे, इंसेंटिव और कटौतियों का विवरण हो।

गिग और डिलीवरी वर्कर्स की प्रमुख मांगें

  • अकाउंट ब्लॉकिंग की समस्या: वर्कर्स का कहना है कि अकाउंट बिना किसी स्पष्ट कारण या उचित प्रक्रिया के सस्पेंड या दंडित किए जाते हैं, जिससे उन्हें आय नहीं मिलती और कोई स्पष्ट शिकायत प्रणाली नहीं है।
  • सुरक्षा उपाय: वर्कर्स ने बेहतर सुरक्षा उपकरण, अनिवार्य विश्राम अवधि और उचित कामकाजी घंटे सुनिश्चित करने की मांग की है, ताकि थकान और दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
  • न्यायपूर्ण काम आवंटन: वर्कर्स का आरोप है कि प्लेटफॉर्म के ओपैक एल्गोरिदम के कारण भेदभाव होता है और वे नियमित और निश्चित काम की मांग कर रहे हैं।
  • तकनीकी और ऐप सपोर्ट: रूटिंग त्रुटियों, भुगतान में देरी और सिस्टम फेल्योर को हल करने के लिए मजबूत तकनीकी सहायता की मांग।
  • सम्मान और गरिमा: प्लेटफॉर्म कंपनियों से मानवतापूर्ण व्यवहार और ग्राहकों से उचित व्यवहार की मांग।

सामाजिक सुरक्षा और नियमन की मांग

वर्कर्स लंबे समय की नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं। वे स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना कवरेज और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, क्योंकि वर्तमान गिग वर्क में बीमारी, चोट या वृद्धावस्था में बहुत कम सुरक्षा है।

वर्कर्स ने केंद्र और राज्य सरकारों से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को विनियमित करने का अनुरोध भी किया है। वे औपचारिक मान्यता, श्रमिक सुरक्षा और स्पष्ट नियम चाहते हैं ताकि तेजी से बढ़ते प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था में शोषण रोका जा सके।

31 दिसंबर को यूज़र्स क्या उम्मीद कर सकते हैं

31 दिसंबर को हड़ताल होने के कारण खाद्य डिलीवरी, क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स ऐप्स के यूज़र्स को कई शहरों में सेवा में देरी, सीमित उपलब्धता या व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है। वर्कर्स का कहना है कि उनका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और संवाद स्थापित करना है, लेकिन यदि व्यापक भागीदारी होती है तो व्यवधान की संभावना है।

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